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Adidas and Puma Story in Hindi | adidas और Puma की कहानी

Adidas and Puma Story in Hindi | adidas  और Puma की कहानी

दोस्तों adidas  और Puma, इन्हें कौन नहीं जानता? पर कया आप ये जानते हैं कि स्पोर्ट्स की दुनिया की सबसे बड़ी दो ब्रांड्स , adidas और प्यूमा के फाउंडर्स भाई थे ?। जी हां दोस्तों , और इन भाइयों का नाम था एडोल्फ डेसलर और Rudolph Dassler । यह कहानी उन दो भाइयों की है जिन्होंने दुनिया के सबसे बड़े दो ब्रांड की शुरुआत की तो एक साथ थी पर उनका brand फेमस होते-होते अंत में दोनों भाई एक दूसरे के दुश्मन बन गए ।

भाइयों के बीच लड़ाई

इन दोनों भाइयों के बीच में यह लड़ाई शुरू कहां से हुई , यह जानने के लिए इस कहानी की शुरुआत में चलते हैं । तो इन दोनों भाइयों की कहानी की शुरुआत होती है 1920 से । जब यह दोनों Dassler  भाई ‘ Dassler ब्रदर्स स्पोर्ट्स शू’ कंपनी में पार्टनर्स थे । यह भाई जर्मनी के एक छोटे से टाउन में अपनी मां के लॉन्ड्री रूम में अपना काम करते थे । जहां एक तरफ एडोल्फ शांत स्वभाव के थे और जूते डिजाइन करने में माहिर थे वहीं दूसरी तरफ से Rudolf बहुत ही बातुनी थे और इसलिए वे सेल्समैन का काम संभालते थे ।

 इन भाइयों को सबसे बड़ी सफलता मिली 1936 में जब 1936 ओलंपिक्स में जेसी ओवेंस(Jesse Owens) ने उनके बनाए जूते पहने और 4 गोल्ड मेडल जीते । और इस तरह  पूरी दुनिया में उनके जूते फेमस हो गए । पर इस सक्सेस के साथ साथ उनके रिश्ते में दूरी आना भी शुरू हो गई । पहले तो घर में छोटे-मोटे लड़ाई झगड़े ही होते थे पर इनके बीच की सबसे बड़ी तकरार  आई वर्ल्ड वॉर टू के समय , जब दुश्मनों ने उसे उस शहर पर हमला करना शुरू कर दिया जहां पर Dassler भाइयों का घर था ।

हुआ यह  कि बमबारी के दौरान जब एडोल्फ और उनकी पत्नी उस बॉम शेल्टर में चढे, जिसमें पहले से ही रूडोल्फ और उनकी पत्नी थी । एडोल्फ ने  बमबारी करने वालों के लिए कहा “फिर यह घटिया लोग आ गए ” पर Rudolf को  लगा कि एडोल्फ उन्हें और उनकी पत्नी को घटिया कह रहे है और इस तरह दोनों भाइयों में बड़ी दरार बन गई । धीरे-धीरे यह दरार बस बढ़ती ही गई ।

 साल 1948 में यह दरार और बड़ी हो गई जब दोनों भाइयों ने कंपनी और एम्पलाइज का बंटवारा शुरू कर दिया । Adolf ने अपनी कंपनी को नाम दिया adidas वहीं Rudolf अपनी कंपनी को नाम दिया प्यूमा । दोनों कंपनी ओराक (Aurach)नदी के आमने-सामने थी और शहर का लगभग हर व्यक्ति दोनों में से एक कंपनी में काम करता था । और दोनों भाइयों की। इस लड़ाई में  मानो जैसे पूरा शहर ही शामिल हो गया था । Local business या तो Adidas को सामान देते या फिर puma को . पर कोई भी ऐसा बिजनेस नहीं था जो एक साथ दोनों के लिए काम करता हो । Adidas में काम करने वाला कोई व्यक्ति प्यूमा में काम करने वाले से कोई रिश्ता नहीं रख सकता था और शादी तो बिल्कुल भी नहीं । यहां तक कि लोग किसी से बात करने से पहले यह देखते किसने किस कंपनी के जूते पहने हैं ।

लड़ाई का अंत 

आकिरकार , साल 2009 में इस लड़ाई को खत्म किया गया , जब दोनों कंपनियों के एंप्लाइज ने एक फ्रेंडली सोकर मैच खेला । हालांकि यह मैच देखने के लिए देखने के लिए डेजलर भाई इस दुनिया में  नहीं थे । इन भाइयों ने  मौत में भी अपनी लड़ाई को जारी रखा‌।  उनके शरीर को भी एक ही शमशान के दो अलग-अलग जगहों पर इस तरह दबाया गया कि वे एक दूसरे से जितना हो सके उतना दूर रहे ।

दोस्तों गलतफहमी हर रिश्ते में हो जाती है पर हम उस गलतफहमी को पूरी उम्र सीने से लगा कर तो नहीं बैठ सकते ना । गलतफहमी को कब्र तक ले जाना केवल दर्द ही देता है । 

एडोल्फ  अच्छे जूते बनाते थे और क्योंकि उनकी स्पोर्ट्समैन से काफी अच्छी जान पहचान थी , उनका बिजनेस अच्छा चला । लेकिन वहीं दूसरी ओर रूडोल्फ जिन्हें केवल सेल्समैन का ही एक्सपीरियंस था , उनका बिजनेस बुलंदियों को नहीं छू सका ।अगर यह दोनों भाई लड़ने के बजाय एक साथ काम करते अपनी गलतफहमी को दूर कर लेते तो शायद दुनिया में सिर्फ दो ही सबसे अच्छे ब्रांड होते -एडिडस और प्यूमा । पर इनकी आपसी तकरार के कारण इनके कंपटीशन में एक और नया ब्रांड भी आ गया -नाइकी । तो दोस्तों , अपने मसलों को सुलझाना शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाना ज्यादा बेहतर है बजाय अपना सुख चैन खोने के ।